बचपन को फिर से जीने की इक कविता। बचपन को फिर से जीने की इक कविता।
दीपावली दीपों का त्यौहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार, लेकिन जब हम छोटे थे तो दीपावली दीपों का त्यौहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार, लेकिन जब हम छ...
बोलो आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा, कब स्कूल की मस्ती का वो बुलबुला मिलेगा। बोलो आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा, कब स्कूल की मस्ती का वो बुलबुला मिलेगा।
ठंडी हवाएं आती झिलमिला कर। करती गाल पर चुम्बन, कुंतल से छूकर। ठंडी हवाएं आती झिलमिला कर। करती गाल पर चुम्बन, कुंतल से छूकर।
ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना वो रोज सुबह जल्दी उठाना । ऐ मेरे स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना वो रोज सुबह जल्दी उठाना ।
वो दिन भी क्या दिन थे, झूठ बोला करते थे, फिर भी मन के सच्चे थे, ये तो उन दिनों की बातें है जब हम ... वो दिन भी क्या दिन थे, झूठ बोला करते थे, फिर भी मन के सच्चे थे, ये तो उन दिनो...